August 1st, 2017

विदाई समारोह

जनता इंटर कालिज, पलडी के प्रधानाचार्य एवं प्रवक्ता श्री हरबीर सिंह पंवार एवं अध्यापक श्री कृषण पल शर्मा जी को पूरे विद्यालय परिवार और समस्त ग्राम वासियों ने दी “भावनात्मक” विदाई, मनाया “प्रशन्नता” भरा समारोह :


मित्रो,

२३ साल पहले जिस विद्यालय से मैंने पास आउट किया, जिन टीचर्स ने मुझे पढाया, आज मैं उसी विद्यालय में अपने उन्ही टीचर् के रिटायरमेंट के दिन भी उपस्थित हूँ, ये मेरे लिए गर्व कि बात है| इसके लिए मैं गुरु जी श्री समर सिंह जी को धन्यवाद देता हूँ कि आपने हमे भी इस अवसर में शामिल होने का मौका दिया| and I express my heartiest congratulations to my teachers getting retired today.

आदर्श शिक्षक उस मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद को जलाकर दूसरो के जीवन में प्रकाश करती है|
शिक्षक का हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान एवं विशेष महत्त्व होता है, सोचिये अगर सचिन तेंदुलकर के जीवन से रमाकांत आचरेकर को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा, यदि अर्जुन के जीवन से गुरु द्रोणाचार्य को हटा दिया जाये तो क्या शेष रहेगा? एक बार आप सब भी कभी एकांत में बैठ कर सोचिये यदि आपके जीवन से शिक्षक को हटा दिया जाए तो क्या शेष रहेगा? शिक्षक का महत्त्व शब्दों में नहीं बताया जा सकता, इसे महसूस किया जाता है।

अपने जीवन में किसी भी शिक्षक के योगदान का मूल्यांकन करना संभव नहीं है, और न ही किसी वस्तु अथवा उपहार से उसको चुकाया जा सकता है, जो सबसे अच्छा उपहार हम किसी शिक्षक को दे सकते हैं वो है उनका आज्ञाकारी शिष्य बनना और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान का सही उपयोग करना। तुलसी दास जी ने भी गुरूजी कि महिमा को कुछ ऐसे बताया है कि…

गुरु बिन भवनिधि तरहीं न कोई|
चाहे बिरंचि शंकर सम होई ||

किसी मनुष्य के पास चाहे भगवान् शिव जैसा प्रलयकारी सामर्थ्य हो या फिर चाहे कोई भगवान् विष्णु जैसा सृजनकारी क्यों न हो, मगर गुरु की कृपा के बिना वो कुछ कर नहीं सकता |

आज भले ही हम सब बड़े हो चुके हैं, हम में से किसी ने चाहे कितनी भी बड़ी डिग्रियां ले ली हों, तो भी जो हमारे शिक्षक थे उनका स्थान सदैव शिरोमणि रहेगा, क्योंकि शिक्षक सिर्फ एक व्यक्ति नहीं यह एक गरिमामयी पद है और शिक्षक का पद हमेशा ही शिष्य के पद से ऊँचा होता है। शिक्षक सिर्फ वो नहीं जो हमसे शिक्षा में ऊँचा हो, शिक्षक वो है जो हमें हमारी ऊंचाई दिखा सके, हमारे वहां पहुँचने से पहले !

Best Teachers do not teach from books, they teach from the heart, and you are one of them Dear Panwar Sir!

Great Teachers teach with passion and have a great patience and you are one of them Dear Sharma Sir!

आपके प्रति मेरा आभार मैं कुछ ऐसे व्यक्त करना चाहता हूँ कि…….

प्रणाम मेरे अध्यापक
प्रणाम मेरे उद्धारक
माता और पिता से भी ज्यादा
आपका सम्मान हैं|
मेरा होना इत्तेफाक हो शायद,
मेरा बनना लेकिन आपकी कोशिशो का परिणाम है ||

इसी के साथ मैं गुरु जी श्री हरबीर सिंह जी को और गुरू जी श्री कृष्णपाल शर्मा जी को विद्यालय में इनके अभूतपूर्व योगदान, और मुझ जैसे हजारो विद्यार्थियों का भविष्य सवांरने के लिए, सभी की ओर से धन्यवाद देता हूँ और इनके आगामी जीवन में इनके लिए सुख, शान्ति, स्वास्थ्य एवं समृध्धि की मनोकामना करता हूँ ||

धन्यवाद …..

– श्रीपल सिंह पुत्र श्री खेम चंद पंवार, पूर्व प्रबन्धक (जनता इंटर कालिज, पलडी – बागपत)

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